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लेखनी प्रतियोगिता -27-Jun-2022 जिद्दी घरवाली का इलाज

            रश्मि मेरी बात मानलो और तुम अपने मायके जाने की जिद छोड़ दो। इस तरह अब तुम्हारा जिद करना ठीक नही लगता। तुम्है मालूम होना चाहिए कि  मौनू की पढा़ई का कितना नुकसान होगा।  पीयूष  अपनी  पत्नी को समझाता हुआ बोला।


वह और भी समझाता हुआ बोला," देखो रश्मि मायका तब तक मायका रहता है जबतक वहाँ मा बाप होते है। उनके मरने के बाद वहाँ बिना बुलाये नही जाना चाहिए।  फिर तुम्हारे जाने से मुझे कितनी परेशानी होगी जरा सोचो।  मौनू  के स्कूल का काम कितना पीछे हो जायेगा। "

     परन्तु रश्मि नही मान रही थी वह अपने मायके जाने की जिद करे बैठी थी।  वह कहरही थी कि मै रक्षा बन्धन पर पन्द्रह दिन के लिए मायके जाऊगी।

       पीयूष उसे समझाने की कोशिश खरते हुए पुनः बोला," देख रश्मि मै राखी वाले दिन टैक्सी करके तुझे राखी बंधबाने ले चलूगा। "

      लेकिन वह जिद करके अपने मायके चली गयी।  रश्मि की अब माँ तो जीवित नहीं थी जो उसके इतने दिन पहले पहुँचने पर खुश होती। उसकी भाभी केवल दिखाने के लिए खुश हुई।

     उसकी भाभी अन्दर ही अन्दर उसके आने से परेशान थी। और एक दिन जब उसकी माँ का फौन आया और उसे रक्षाबन्धन पर अपने पास बुलाने के लिए बोला । 

     रश्मि अपनी मम्मी को समझाते हुए बोली," मम्मी क्या करूँ मै इस बार रक्षाबन्धन पर केवल एक घन्टे के लिए ही आसकूँगी क्यौकि मेरी खसूट ननद यहाँ  पन्द्रह दिन पहले ही आकर बैठ गयी है। अब मै कैसे आ सकती हूँ पहले तो सास सम्भाल लेती थी अब उनके जाने के बाद इसको कौन सम्भालेगा। "

     यह सब बातें रश्मि सुन रही थी। उसे बहुत बुरा लगा कि उसकी भाभी उसे खसूट ननद बोल रही है। उसे बहुत गुस्सा आ रहा था। उसका मन कर रहा था कि वह अभी इसको पूछू कि मेरी माँ के मरने के बिद मै खसूट होगयी।

        अब उसे अपने पति के कहे हुए बाक्य याद आ रहे थे कि माँ बाप के मरने के बाद मायका  पहले वाला मायका नही रहता है वहाँ बुलाने पर ही जाना चाहिए।

     उसका मन कर रहा था कि वह अभी यहाँ से अपने घर चली जाये लेकिन वह यह सब चुपचाप सहन कर गयी। और पूरी  रित परेशान रही।  वह यह बात अपने पति को भी नही बताना चाहती थी क्यौकि वह उसके ऊपर हसेगा क्यौकि जब  पीयूष ने समझाया था तब वह बोली थी," पीयूष मेरी भाभी हजारौ में एक है वह मुझे बहुत चा हती है। परन्तु आज यह सब झूँठ साबित होगया था।

         आज वह अपने मन में सोच रही थी कि वह आगे से पीयूष की बात मानेगी और कभी  जिद नही करेगी।

       सुबह उठते ही वह अपने भाई से बोली  ," मै अपनी ससुराल जारही हूँ यदि तुम्है राखी बंधबानी हो तो आजाना ।क्यौकि मौनू के स्कूल से फौन आया है और मुझे आज ही जाना है। " 

       जब यह बात उसकी भाभी को मालूम हुई वह बहुत खुश हुई। जब रश्मि अचानक अपने घर पहुँची तब पीयूष को  कोई आश्चर्य नही हुआ क्यौकि यह सब प्लान पीयूष ने अपने साले व उसकी पत्नी के साथ मिलकर बनाया था।

    उसने रश्मि को इसका आभास नहीं होने दिया था। अब रश्मि ने मायके जाने की जिद छोड़दी थी। अब वह अपने घर का नुकसान भी समझने लगी।

          पीयूष उसे जबरजस्ती रक्षाबन्धन पर उसके मायके राखी बंधवाने लेकर गया था। तब वह अपनी भाभी से नाराज दिखाई दी थी। तब रश्मि को उसकी भाभी ने पूरा प्लान बतादिया था  तब सब लोग खूब हसने लगे और रश्मि बोली," अच्छा तो यह तुम सबने मुझे पागल बना दिया और मै यह समझ ही न सकी  मैने भी सोचा था कि मेरी भाभी इस तरह कैसे बदल गयी।

             इस तरह  रश्मि  भी सुधर गयी । उसने अब छोटी छोटी बातौ के लिए जिद करना बहुत कम कर दिया था।

दैनिक प्रतियोगिता के लिए रचना
नरेश शर्मा " पचौरी "
27/06/2022

     

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6 Comments

Pallavi

29-Jun-2022 07:26 PM

Nice post

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Naresh Sharma "Pachauri"

29-Jun-2022 11:22 AM

सभी को धन्यवादजी

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Punam verma

28-Jun-2022 08:29 AM

Nice

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